कुंभकरण बना छात्र, ढोल-नगाड़ों से जगाने निकले NSUI कार्यकर्ता: जबलपुर विश्वविद्यालय में कुलपति के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन

जबलपुर, तथ्य न्यूज़। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (Rani Durgavati Vishwavidyalaya) एक बार फिर गंभीर आरोपों और छात्र असंतोष के केंद्र में आ गया है। कुलपति प्रोफेसर राजेश वर्मा पर लगे यौन शोषण के आरोपों और उनकी कथित निष्क्रियता के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने एक अभूतपूर्व और प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। कुलपति की ‘कुंभकरण’ जैसी नींद पर कटाक्ष करते हुए, छात्रों ने एक सदस्य को कुंभकरण के रूप में प्रस्तुत किया और ढोल-नगाड़ों की थाप पर उसे जगाने का प्रयास किया। यह अनोखा प्रदर्शन अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवालों के घेरे में है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कुलपति प्रोफेसर राजेश वर्मा पर विश्वविद्यालय की ही एक महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला अब मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है, जिसने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) के गठन का निर्देश दिया है। यह SIT, जिसमें तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल हैं, को 16 जून तक अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। छात्रों का आरोप है कि यह केवल यौन शोषण का एक अकेला मामला नहीं है, बल्कि कुलपति का पूरा कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है। इनमें छात्रों की समस्याओं की अनदेखी, अकादमिक अव्यवस्था, और पक्षपात जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं, जिन्होंने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को बुरी तरह प्रभावित किया है।
छात्रों का आरोप: कुलपति सोते रहे, समस्याएँ बढ़ती रहीं
प्रदर्शन के दौरान NSUI के छात्रों ने अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की। छात्र नेताओं का कहना था कि विश्वविद्यालय में छात्रों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को बार-बार उठाने के बावजूद कुलपति ने हमेशा उन पर आँखें मूंद रखीं। NSUI के एक छात्र नेता ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “जब पूरा सिस्टम जागने की ज़रूरत में था, कुलपति कुंभकरण की नींद सोते रहे।” छात्रों का स्पष्ट मत है कि जब तक यौन शोषण मामले में निष्पक्ष जांच पूरी नहीं हो जाती, कुलपति को उनके पद से हटाया जाना चाहिए ताकि जांच में कोई हस्तक्षेप न हो सके और पारदर्शिता बनी रहे।
SIT जांच और छात्रों की कड़ी चेतावनी
विशेष जांच टीम (SIT) अब निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपनी जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। हालांकि, छात्र संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन ने इस गंभीर मामले पर त्वरित और निर्णायक कार्रवाई नहीं की, तो उनका आंदोलन और अधिक तेज किया जाएगा। छात्रों ने चेतावनी दी है कि वे धरना-प्रदर्शन से लेकर न्यायिक कार्यवाही तक जाने के लिए तैयार हैं, यदि उन्हें न्याय नहीं मिला।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कुलपति को लेकर छिड़ा यह विवाद अब एक निर्णायक मोड़ पर आ चुका है। जहां एक ओर न्यायिक जांच जारी है, वहीं दूसरी ओर छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि SIT की जांच रिपोर्ट क्या निष्कर्ष देती है और विश्वविद्यालय का नेतृत्व इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है। यह भी देखना होगा कि क्या छात्रों को न्याय मिलेगा और विश्वविद्यालय में एक बेहतर और सुरक्षित अकादमिक माहौल बहाल हो पाएगा।

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