भोपाल, मध्य प्रदेश: अगर आप या आपका कोई जानने वाला टीचर बनने का सपना देख रहा है और किसी बीएड, एमएड या डीएलएड कॉलेज में पढ़ने की सोच रहा है, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। टीचर एजुकेशन की सबसे बड़ी संस्था NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने देशभर के 380 ऐसे कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है, जो नियमों का मखौल उड़ा रहे थे। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि अपने मध्य प्रदेश के भी कई बड़े-बड़े कॉलेज इस लिस्ट में शामिल हैं!
क्यूं गिरी ये गाज?
असल में, NCTE ने इन कॉलेजों की जांच की। पता चला कि यहां न तो ठीक से बिल्डिंग थी, न पढ़ाने वाले अच्छे टीचर और न ही पढ़ाई का माहौल। बस कागजों पर कॉलेज चल रहे थे। NCTE चाहता है कि हमारे देश में अच्छे और काबिल टीचर बनें, जो बच्चों का भविष्य संवार सकें। ऐसे में, जो कॉलेज सिर्फ नाम के थे और क्वालिटी से समझौता कर रहे थे, उन पर ये कड़ी कार्रवाई की गई है।
MP वालों के लिए क्या मतलब?
अब सवाल ये है कि मध्य प्रदेश के उन स्टूडेंट्स का क्या होगा जो इन कॉलेजों में पढ़ रहे थे या एडमिशन लेने वाले थे? उनका भविष्य तो अधर में लटक गया है। ये खबर उन बाकी कॉलेजों के लिए भी एक चेतावनी है जो अभी भी ढीले-ढाले तरीके से चल रहे हैं। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को अब इस मामले में सोचना होगा कि बच्चों का नुकसान न हो और आगे ऐसी दिक्कतें न आएं।
आगे क्या करें स्टूडेंट्स?
जिन कॉलेजों की मान्यता गई है, वो अब टीचर ट्रेनिंग वाले कोर्स नहीं करवा पाएंगे। इसलिए, अगर आप किसी कॉलेज में एडमिशन लेने की सोच रहे हैं, तो मेरी आपको सलाह है कि पहले NCTE की वेबसाइट पर जाकर उस कॉलेज की मान्यता जरूर चेक कर लें। वरना, बाद में बहुत पछताना पड़ सकता है। ये खबर बताती है कि अब शिक्षा में कोई समझौता नहीं चलेगा, खासकर टीचर बनाने वाले कॉलेजों में।