संजय दत्त का ‘खलनायक’ फैन गिरफ्तार: छतरपुर में पिस्टल लहराना पड़ा महंगा

एक बचपन का शौक, एक अवैध पिस्टल, और फिर सलाखों का अंधेरा

कहते हैं सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती, और कभी-कभी ये सपने ही इंसान की हकीकत बन जाते हैं। छतरपुर का सुशील मिश्रा, जो खुद को संजय दत्त का कट्टर फैन बताता है, शायद कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके ‘खलनायक’ बनने का बचपन का शौक उसे एक दिन इस तरह बेरंग कर देगा। जिस फिल्मी दुनिया के नायक-खलनायकों से वह प्रेरणा लेता था, आज वही ‘खलनायक’ का टैग उसे पुलिस की हिरासत में ले आया है। अवैध पिस्टल के साथ पकड़े गए सुशील के लिए अब चमकती दुनिया नहीं, बल्कि काली कोठरी का सन्नाटा है।

बाजार में दबंगई का खेल, और कानून का शिकंजा

छतरपुर के सिविल लाइन थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गणेश कॉलोनी के हॉट बाजार में एक व्यक्ति पिस्टल लिए बैठा है। थाना प्रभारी बाल्मीकि चौबे के नेतृत्व में टीम तत्काल मौके पर पहुंची और सुशील मिश्रा को पकड़ लिया। उसके पास से एक अवैध पिस्टल और कारतूस बरामद हुए। पुलिस के अनुसार, सुशील का शरीर भले ही ‘संजय दत्त’ जैसा भारी-भरकम न हो, लेकिन वह संजय दत्त की स्टाइल में पिस्टल लहराकर लोगों को धमकाता था। यह कैसा शौक है, जो दूसरों के मन में डर पैदा कर देता है?

एक पुरानी कहानी, नए गुनाह का रास्ता

पुलिस की पूछताछ में सुशील की कहानी और भी उलझती चली गई। थाना प्रभारी बाल्मीकि चौबे ने बताया कि सुशील पहले भी गांजे के व्यापार जैसे अपराधों में शामिल रहा है और वर्तमान में जमानत पर बाहर था। उसका कहना है कि उसने पिस्टल सिर्फ शौक से खरीदी थी। लेकिन पुलिस का तर्क कुछ और है: अवैध धंधों में लिप्त होने के कारण वह अपने बचाव के लिए, लोगों को डराने और वारदातों को अंजाम देने के लिए ऐसी विदेशी पिस्टल रखता था। क्या एक शौक इतना विकृत हो सकता है कि वह अपराध का साथी बन जाए?

फिल्मों का प्रभाव और हकीकत की कड़वी मार

सुशील ने बताया कि वह संजय दत्त का इतना बड़ा फैन है कि उसने उनकी पहली फिल्म ‘नाम’ से लेकर हालिया ‘पुलिसगिरी’ तक देखी है। फिल्मी पर्दे पर खलनायक की भूमिकाओं से प्रभावित होकर उसने शायद यह नहीं सोचा होगा कि असल जिंदगी में ‘खलनायक’ बनने का अंजाम क्या होता है। फिल्मी दुनिया की चमक-धमक अक्सर युवाओं को अपनी ओर खींचती है, लेकिन जब कल्पना हकीकत की सीमाओं को लांघती है, तो परिणाम ऐसे ही कड़वे होते हैं। आज सुशील थाने में खड़ा है, उसका खलनायक बनने का शौक उसे कानूनी पचड़ों में फंसा चुका है, और शायद अब उसे इस बात का अहसास हो रहा होगा कि रील लाइफ और रियल लाइफ में कितना बड़ा फर्क होता है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *