जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में दहलाने वाली घटना: ‘परेशान हूँ’ मैसेज भेजा और छात्र ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूदी जान

होनहार एमबीबीएस छात्र शिवांशु गुप्ता की मौत से हड़कंप, पुलिस की जांच में रैगिंग सहित कई एंगल शामिल

जबलपुर, 6 जून, 2025: जबलपुर के प्रतिष्ठित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एक बेहद हृदयविदारक घटना सामने आई है। एमबीबीएस के पहले साल के छात्र शिवांशु गुप्ता ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद खबर ने पूरे कॉलेज परिसर और शहर को झकझोर कर रख दिया है। मरने से ठीक पहले शिवांशु ने अपने दोस्तों को सिर्फ इतना मैसेज किया था, “मैं परेशान हूँ।”


खामोशी के पीछे छिपी गहरी पीड़ा

शिवांशु गुप्ता पढ़ाई में बेहद होनहार थे, लेकिन पिछले कुछ समय से वह अचानक खामोश और अलग-थलग रहने लगे थे। उनके इस अकेलेपन के पीछे क्या वजह थी, यह अब पुलिस की जांच का विषय है। दोस्तों को भेजे गए आखिरी मैसेज में उनकी अंदरूनी पीड़ा साफ झलक रही थी, जिसके कुछ ही देर बाद उन्होंने यह घातक कदम उठा लिया।

गंभीर रूप से घायल शिवांशु को तुरंत मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन कक्ष ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की भरसक कोशिश की। लेकिन, दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया।


रैगिंग से लेकर तनाव तक, जांच के दायरे में कई पहलू

इस घटना के बाद पुलिस ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस सभी संभावित पहलुओं पर गौर कर रही है, जिसमें हॉस्टल में रैगिंग का कोई मामला या पढ़ाई का अत्यधिक तनाव तो नहीं था, जैसे सवाल प्रमुख हैं। पुलिस ने शिवांशु का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और उसकी कॉल डिटेल्स, मैसेज और सोशल मीडिया गतिविधियों की बारीकी से पड़ताल कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिर किस वजह ने एक होनहार छात्र को इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।


शहर सदमे में, मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चिंतन की ज़रूरत

शिवांशु की मौत ने मेडिकल कॉलेज के छात्रों और प्रशासन को गहरे सदमे में डाल दिया है। हर कोई यह समझने की कोशिश कर रहा है कि ऐसा शांत और मेधावी छात्र इतना आत्मघाती कदम कैसे उठा सकता है। यह दुखद घटना एक बार फिर युवाओं, खासकर मेडिकल छात्रों में बढ़ते शैक्षणिक दबाव, अकेलेपन और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की ओर ध्यान खींचती है।

यह मामला इस बात पर जोर देता है कि शिक्षण संस्थानों में छात्रों के लिए उचित मानसिक स्वास्थ्य सहायता और परामर्श प्रणाली का होना कितना ज़रूरी है। समाज और परिवारों को भी यह समझना होगा कि बच्चों पर सिर्फ पढ़ाई का ही नहीं, बल्कि भावनात्मक समर्थन का भी दबाव होता है। कॉलेज प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि अगर वे किसी भी तरह की परेशानी या दबाव महसूस करते हैं, तो बेझिझक अपनी बात रखें और मदद मांगें, ताकि ऐसी त्रासदियों को भविष्य में रोका जा सके।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *