9,000 करोड़ के कर्जदार माल्या ने 9 साल बाद तोड़ी चुप्पी, वायरल इंटरव्यू पर मिले 28 लाख से ज़्यादा व्यूज और नेटिज़न्स की मिली-जुली प्रतिक्रिया
नई दिल्ली, 6 जून, 2025: भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण चुकाने में कथित तौर पर चूक के आरोपों के बीच 2016 से ब्रिटेन में रह रहे उद्योगपति विजय माल्या ने भारत लौटने की इच्छा जताई है। हालांकि, उनकी वापसी एक अहम शर्त पर निर्भर करती है: उन्हें निष्पक्ष सुनवाई (Fair Trial) का आश्वासन मिले। यूट्यूबर राज शामानी के साथ चार घंटे की उनकी बेबाक बातचीत ने ऑनलाइन धूम मचा दी है, जिसे अब तक 28 लाख से ज़्यादा व्यूज मिल चुके हैं और सोशल मीडिया पर इस पर तीखी बहस छिड़ गई है।
‘भगोड़ा नहीं, चोर नहीं’: माल्या का कड़ा बचाव
9 साल में अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में, किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक विजय माल्या ने खुद पर लगे ‘भगोड़े’ और ‘चोर’ के टैग पर खुलकर बात की। माल्या ने कहा, “आप मुझे मार्च 2016 के बाद भारत न लौटने के लिए भगोड़ा कह सकते हैं, लेकिन मैं भागा नहीं था। मैं एक पूर्व-निर्धारित यात्रा पर गया था।” उन्होंने आगे कहा कि वैध कारणों से ही वह वापस नहीं लौटे।
वित्तीय कदाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर भी माल्या ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “‘चोर’ कहाँ से आ रहा है? ‘चोरी’ कहाँ हुई है?” इस बयान ने एक बार फिर किंगफिशर एयरलाइंस के पतन और बैंकों के बकाए को लेकर बहस छेड़ दी है। उन्होंने किंगफिशर के उदय और पतन, और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की स्थापना के बारे में भी विस्तार से बात की।
निष्पक्ष सुनवाई और हिरासत की शर्तें: माल्या की मुख्य चिंताएँ
माल्या ने अपनी वापसी के लिए भारत में निष्पक्ष सुनवाई की गारंटी को सबसे महत्वपूर्ण शर्त बताया है। उन्होंने भारतीय जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया, खासकर उन मामलों में जहाँ व्यापार विफल हो जाते हैं। माल्या के अनुसार, “भारत में, दुर्भाग्य से, एक व्यापारिक विफलता को अक्सर धोखाधड़ी के बराबर मान लिया जाता है।“
ब्रिटेन की अदालतों के फैसलों का हवाला देते हुए, माल्या ने कहा कि कुछ मामलों में हिरासत की खराब स्थितियों के आधार पर प्रत्यर्पण से इनकार किया गया है, क्योंकि वे यूरोपीय मानवाधिकार कन्वेंशन (ECHR) का उल्लंघन करती हैं। उन्होंने भारत में हिरासत की स्थितियों को लेकर अपनी आशंका व्यक्त की, उनका इशारा लंबे समय तक बिना मुकदमे के हिरासत में रखे जाने की ओर था।
पॉडकास्ट की धूम और सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
“विजय माल्या पॉडकास्ट: किंगफिशर एयरलाइंस का उदय और पतन, ऋण और RCB” शीर्षक वाले इस पॉडकास्ट ने ऑनलाइन कई तरह की प्रतिक्रियाएँ पैदा की हैं:
- कुछ यूज़र्स ने राज शामानी की तैयारी और इंटरव्यू के लिए प्रशंसा की, जबकि अन्य ने माल्या के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।
- एक यूज़र ने टिप्पणी की, “मिस्टर माल्या, आप एक दिन भारत वापस आएंगे। भगवान आपको देख रहा है। लोग आपसे फिर प्यार करेंगे।“
- दूसरी ओर, कुछ नेटिज़न्स ने उन्हें जवाबदेह ठहराने की बात कही और उन पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता पर जोर दिया।
पॉडकास्ट में माल्या ने अपनी जिंदगी के सबसे अकेले दिन के बारे में भी बात की, यह स्वीकार करते हुए कि “अतीत का उन्माद हमेशा नहीं रहता” और उनकी जीवन की गति अब लगभग एक अर्ध-सेवानिवृत्ति जैसी हो गई है।
₹9,000 करोड़ का कर्ज और कानूनी लड़ाई का लंबा सफर
विजय माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए ऋणों के माध्यम से भारतीय बैंकों के एक संघ को ₹9,000 करोड़ (लगभग $1.2 बिलियन) से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है। 2016 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध के बाद, उन्हें “घोषित अपराधी” घोषित किया गया था, जिसके बाद वह भारत से चले गए।
तब से, वह ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं, जबकि भारतीय अधिकारी उन्हें वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए वापस लाना चाहते हैं। भारत सरकार लगातार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह ऐसे सभी आरोपियों को कानूनी और राजनयिक माध्यमों से वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, यूके की अदालतें अब तक प्रत्यर्पण प्रक्रिया में देरी कर रही हैं, और माल्या कानूनी व मानवीय आधारों पर प्रत्यर्पण को लगातार चुनौती दे रहे हैं।
माल्या की यह नई टिप्पणी उनकी वापसी की संभावनाओं पर बहस को फिर से जिंदा करती है, लेकिन किसी भी ठोस प्रगति के लिए भारतीय और ब्रिटिश अधिकारियों के बीच आगे की कानूनी बातचीत और फैसलों पर निर्भर रहना होगा।