मुख्य मार्ग पर हड़कंप: गोवंश के अवशेष मिलने से आक्रोश
जबलपुर, 7 जून 2025 – आज सुबह करीब पौने बारह बजे विजयनगर के मुख्य मार्ग पर स्थित कृषि उपज मंडी के सामने साईं बाबा मंदिर के पास उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सड़क के बीचो-बीच गोवंश के कुछ अवशेष पाए गए। इस अमानवीय और हृदय विदारक घटना ने जहाँ एक ओर समूचे हिंदू समाज में गहरा आक्रोश भर दिया, वहीं दूसरी ओर स्थानीय पुलिस और प्रशासन की लचर व्यवस्था और गहरी नींद पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विहिप का तत्काल विरोध: दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता तत्काल मौके पर पहुँचे। उन्होंने न केवल तुरंत थाने में सूचना दी, बल्कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन भी सौंपा। विहिप का स्पष्ट आरोप है कि यह कृत्य हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुँचाने का एक सुनियोजित प्रयास है, क्योंकि भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में गाय को ‘माँ’ का पवित्र दर्जा प्राप्त है।
CCTV फुटेज ने खोली ‘नाकामी’ की पोल: नीले रंग की ट्रॉली में दिखी ‘क्रूरता’
आज सुबह हुई इस वीभत्स घटना के बाद, पुलिस द्वारा ही आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इन फुटेज में जो दृश्य सामने आया, वह न केवल चौंकाने वाला था, बल्कि पुलिस की गश्त और निगरानी व्यवस्था की पोल भी खोलता है। फुटेज में एक नीले रंग की ट्रैक्टर ट्रॉली से गोवंश के अवशेष सड़क पर गिरते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि उस ट्रैक्टर ट्रॉली में ही गोवंश के अवशेष थे, जिन्हें बड़ी ही बेदर्दी और खुलेआम शहर के बीच से ले जाया जा रहा था।

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल: खुलेआम हुई घटना, क्यों नहीं पड़ी नज़र?
सबसे बड़ा और अहम सवाल यह है कि एक व्यस्त शहरी क्षेत्र में, जहाँ चौबीसों घंटे आवाजाही रहती है और पुलिस की मौजूदगी का दावा किया जाता है, इतनी बड़ी मात्रा में गोवंश के अवशेषों को खुलेआम एक ट्रैक्टर ट्रॉली में कैसे ले जाया गया और इस पर किसी भी पुलिसकर्मी या प्रशासनिक अधिकारी की नज़र क्यों नहीं पड़ी? यह घटना साफ तौर पर पुलिस की निष्क्रियता और आपराधिक तत्वों के बुलंद हौसलों को दर्शाती है। विहिप ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तत्काल ट्रैक्टर मालिक और चालक की पहचान की जाए और उन पर ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ सहित अन्य गंभीर धाराओं के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसी घटनाएँ शहर की कानून व्यवस्था पर सीधा प्रश्नचिन्ह लगाती हैं।
हनुमानताल मामले में भी ‘उदासीनता’: बजरंग दल की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं
यह कोई इकलौती घटना नहीं है, जिसने पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हों। विश्व हिंदू परिषद ने आज के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुरानी और मिलती-जुलती घटना का भी उल्लेख किया, जो लगभग 15 से 20 दिन पूर्व हनुमानताल थाना क्षेत्र में घटित हुई थी। उस समय भी एक मंदिर परिसर के पीछे गोवंश के शरीर के कुछ हिस्से मिले थे। विहिप ने बताया कि लगभग 15-20 दिन पहले बजरंग दल के द्वारा भी इस मामले की शिकायत हनुमानताल थाने में दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने उस वक्त कार्रवाई का आश्वासन तो दिया था, लेकिन आज लगभग 15 से 20 दिन बीत जाने के बाद भी उस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और वह मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में पड़ा है।

प्रशासन की ढिलाई से असंतोष: अपराधियों के हौसले बुलंद
प्रशासन की इस लगातार निष्क्रियता और ढिलाई ने विहिप सहित समूचे हिंदू समाज और स्थानीय लोगों में गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। बार-बार ऐसी अमानवीय घटनाओं का सामने आना और प्रशासन की ओर से अपेक्षित और त्वरित कार्रवाई न होना, अपराधियों के हौसले बुलंद कर रहा है। विहिप के पदाधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इन दोनों ही मामलों में दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द और कठोरतम कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
शहर में तनाव: क्या ‘सोता’ हुआ प्रशासन जागेगा और न्याय सुनिश्चित करेगा?
विजयनगर में हुई इस घटना ने पूरे शहर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। हिंदू समुदाय में आक्रोश और निराशा का भाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। गोवंश के प्रति इस तरह की क्रूरता और उनकी पवित्रता का सरेआम अपमान लोगों को गहरे तक आंदोलित कर रहा है। पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर उन्हें कानून के कटघरे में खड़ा करें, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके। साथ ही, यह स्पष्ट संदेश दिया जाए कि इस तरह की अमानवीय और धार्मिक भावनाएँ भड़काने वाली गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या प्रशासन इन लगातार हो रही घटनाओं से सबक लेकर अपनी जिम्मेदारी समझेगा और गहरी नींद से जागेगा, या शहर में ऐसी ही घटनाएँ बार-बार होती रहेंगी, जिससे सामाजिक शांति और सौहार्द भंग होता रहेगा?