राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में सात नए न्यायाधीशों की नियुक्ति को अधिसूचित किया है। इन नियुक्तियों में एक महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं, जिन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट में नियुक्त किया गया है, जो न्यायपालिका में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नियुक्तियाँ भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह पर की गई हैं और न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने के केंद्र सरकार के प्रयासों को दर्शाती हैं।
केंद्रीय कानून मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इन नियुक्तियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 217 और 224 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति ने इन अधिवक्ताओं की नियुक्ति को मंजूरी दी है। यह कदम न्यायपालिका को अधिक मजबूत, पारदर्शी और प्रभावी बनाने में सहायक होगा।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को मिले तीन स्थायी न्यायाधीश
इस नियुक्ति सूची में सबसे अधिक, तीन स्थायी न्यायाधीश, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को मिले हैं। इनमें दीपक खोत, अमित सेठ और पवन कुमार द्विवेदी शामिल हैं। ये तीनों अधिवक्ता लंबे समय से कानूनी क्षेत्र में सक्रिय हैं और अब न्यायिक सेवा में आकर मध्य प्रदेश की न्याय प्रणाली को गति देंगे। इन नियुक्तियों से हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ेगी और लंबित मामलों के शीघ्र निपटान में मदद मिलेगी।
बॉम्बे और गुवाहाटी हाईकोर्ट में नए अतिरिक्त न्यायाधीश
महाराष्ट्र के बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता सचिन शिवाजीराव देशमुख को अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट देश के सबसे व्यस्त न्यायालयों में से एक है, और इस नई नियुक्ति से न्याय प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। सचिन देशमुख को दीवानी और फौजदारी मामलों का व्यापक अनुभव है।
पूर्वोत्तर भारत के गुवाहाटी हाईकोर्ट को शमीमा जहान के रूप में एक महिला अतिरिक्त न्यायाधीश मिली हैं। उनकी नियुक्ति न केवल क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह न्यायिक व्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को भी सशक्त करती है।
उत्तराखंड और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में भी नियुक्तियाँ
उत्तराखंड हाईकोर्ट, जो नैनीताल में स्थित है, को वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष उपाध्याय के रूप में एक नया अतिरिक्त न्यायाधीश मिला है। उन्हें संवैधानिक, सेवा और पर्यावरण कानूनों में विशेषज्ञता हासिल है, और उनकी नियुक्ति से पर्वतीय राज्य में न्यायिक मामलों के त्वरित निपटान में मदद मिलेगी।
चंडीगढ़ स्थित पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में रोहित कपूर को अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया है। यह उच्च न्यायालय दो राज्यों की न्यायिक आवश्यकताओं को पूरा करता है, और रोहित कपूर का अनुभव न्यायपालिका के लिए महत्वपूर्ण होगा।
न्यायिक व्यवस्था को नई ऊर्जा
ये सात नियुक्तियाँ देश की न्यायिक प्रणाली को और अधिक गतिशील और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं। सभी नवनियुक्त अधिवक्ता अपने-अपने क्षेत्रों में लंबा अनुभव रखते हैं, और उनकी नियुक्ति से उम्मीद है कि न्यायालयों में लंबित मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी, जिससे अदालतों पर बढ़ते दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।
न्यायपालिका को नई शक्ति: सात नए न्यायाधीशों की नियुक्ति, एक महिला भी शामिल
