बीएमडब्ल्यू-मर्सिडीज जब्त, पिस्टल बरामद, इनामी बेटे-भतीजे गिरफ्तार
शहर में लंबे समय से सक्रिय एक संगठित आपराधिक गिरोह पर पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के नेतृत्व वाले गैंग पर यह छापा उसके कई सालों के प्रभाव और भय को सीधी चुनौती माना जा रहा है। पुलिस ने इस ऑपरेशन में गैंग से जुड़े चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें रज्जाक का बेटा, भाई और भतीजा शामिल हैं। सभी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं और पुलिस इन्हें लंबे समय से तलाश रही थी।
पुलिस ने इन आरोपियों के पास से एक पिस्टल, कारतूस, और करीब एक करोड़ रुपये की दो लग्ज़री गाड़ियाँ — बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज़ — भी ज़ब्त की हैं।
सरगना का परिवार पुलिस के शिकंजे में
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंद कलादगी के नेतृत्व में अंजाम दी गई। जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी अब्दुल रज्जाक के करीबी रिश्तेदार हैं।
इनमें से कुछ आरोपियों पर ₹50,000 से अधिक का इनाम घोषित था और वे काफी समय से फरार चल रहे थे।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं कई संगीन मामले
1. सरफराज (उम्र 45):
बताया जा रहा है कि यह रज्जाक का बेटा है और रिपटा नया मोहल्ला का रहने वाला है। पुलिस रिकॉर्ड में इसका नाम ‘सरफराज’ दर्ज है, जबकि कुछ सूत्र इसे ‘सरताज’ नाम से भी जानते हैं। ओमती थाना में इस पर डकैती, जबरन वसूली, अपहरण, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
2. मोहम्मद महमूद (उम्र 53):
रज्जाक का भाई और रिपटा मोहल्ला निवासी महमूद को सिवनी से पकड़ा गया। इसके खिलाफ ओमती थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी के मुकदमे दर्ज हैं। साथ ही, कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाने में खनन अधिनियम सहित चोरी के मामले भी लंबित हैं।
3. अजहर (उम्र 26):
रज्जाक का भतीजा अजहर भी सिवनी से गिरफ्तार किया गया। उस पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के केस दर्ज हैं। पुलिस ने उसके पास से लगभग ₹40 लाख की एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की है, जिससे उसके अपराधों से अर्जित जीवनशैली का अंदाजा लगाया जा सकता है।
4. मोहम्मद सज्जाद (उम्र 25):
रिपटा मोहल्ला निवासी सज्जाद पर भी अपहरण, डकैती, जबरन वसूली और हथियार रखने जैसे संगीन आरोप हैं। पुलिस ने उसके पास से एक मर्सिडीज़ कार (कीमत लगभग ₹60 लाख) और एक पिस्टल व कारतूस बरामद किए हैं।
ऑपरेशन में कई विभागों की सहभागिता
इस कार्रवाई को सफल बनाने में ओमती क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक सोनू कुर्मी, ओमती थाना प्रभारी राजपाल सिंह बघेल, अधारताल थाना प्रभारी प्रवीण कुमरे और क्राइम ब्रांच की टीम का विशेष योगदान रहा। उप निरीक्षक से लेकर आरक्षक स्तर तक की समन्वित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि एक भी आरोपी बच न सके।
पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह कार्रवाई केवल एक गिरफ्तारी भर नहीं है, बल्कि संगठित अपराध के उस ढांचे को तोड़ने की कोशिश है, जो सालों से शहर में जड़ें जमा चुका था।
सवाल भी खड़े होते हैं…
हालांकि पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से साहसिक कही जा सकती है, लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यह गैंग वर्षों तक फलता-फूलता रहा। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि किन परिस्थितियों में इतने गंभीर मामलों के आरोपी इतने लंबे समय तक कानून से बचते रहे? क्या इनके खिलाफ कार्रवाई में कोई ढील रही थी, या फिर ये गैंग अपने रसूख के बल पर संरक्षण पाता रहा?
न्यायिक प्रक्रिया की अगली चुनौती
अब पुलिस की इस उपलब्धि के बाद अगला कदम होगा — साक्ष्यों को न्यायालय में पेश कर पुख्ता मामला बनाना। न्यायपालिका की कसौटी पर यह ऑपरेशन कितना खरा उतरता है, यह आने वाले वक्त में स्पष्ट होगा।
फिलहाल, यह कार्रवाई शहर में संगठित अपराध के खिलाफ एक कड़ा संदेश जरूर देती है।