रोंगटे खड़े कर देने वाली पोस्टमॉर्टम रिपोर्टमध्य प्रदेश के खंडवा में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि हैवानियत की वो हद है, जिसने हर संवेदनशील मन को झकझोर कर रख दिया है। एक 45 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ जो हुआ, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए एक काला अध्याय है।
क्रूरता की पराकाष्ठा
यह अमानवीय वारदात खालवा थाना क्षेत्र में 23 मई की रात को घटी। एक शादी समारोह से लौट रही महिला को उसके दो परिचित, हरि पालवी (40) और सुनील धुर्वे (35), मिले। उन्होंने उसे हरि के घर ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। लेकिन यह हैवानियत यहीं नहीं रुकी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस के शुरुआती खुलासे दिल दहला देने वाले हैं। आरोपियों ने महिला के प्राइवेट पार्ट के अंदर हाथ डाला, जिससे उसकी आंतें बाहर आ गईं। दर्द से तड़पती महिला की आंतों को वापस अंदर डालने की असफल कोशिश भी की गई। अत्यधिक रक्तस्राव ने धीरे-धीरे उसकी जान ले ली। यह कल्पना करना भी कठिन है कि उस आखिरी क्षणों में उस महिला ने कितनी असहनीय पीड़ा और दर्द झेला होगा।
मृत्यु से पहले के शब्द और न्याय की पुकार
गंभीर रूप से घायल अवस्था में महिला को हरि की मां ने घर के आंगन में पड़ा देखा। जब उसे घर लाया गया, तो मरने से पहले उसने अपने बेटे और बहू को बताया कि सुनील और हरि ने उसके साथ ये जघन्य अपराध किया है। ये उसके आखिरी शब्द थे, एक मां के, एक पीड़िता के, जो न्याय की चीख बनकर रह गए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपी हरि और सुनील को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं, जिनमें सामूहिक बलात्कार और हत्या शामिल है, के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश में महिला सुरक्षा की भयावह तस्वीर
खंडवा की यह घटना मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की एक छोटी सी, पर बेहद भयावह तस्वीर है। आंकड़े बताते हैं कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बनी हुई है: * प्रतिदिन 20 दुष्कर्म: NDTV और Aaj Tak की रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 में मध्य प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 20 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं। यह आंकड़ा स्वयं सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किया गया था, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। * आंकड़ों में वृद्धि: साल 2020 में बलात्कार की घटनाएं 6,134 थीं, जो 2024 में बढ़कर 7,294 हो गईं, यानी लगभग 19% की वृद्धि दर्ज की गई है। * राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की “क्राइम इन इंडिया 2022” रिपोर्ट के अनुसार, बलात्कार के सर्वाधिक मामलों में मध्य प्रदेश देश के शीर्ष राज्यों में से एक है।ये आंकड़े सिर्फ संख्याएं नहीं हैं, बल्कि हर एक आंकड़ा एक महिला की टूटती जिंदगी, एक परिवार के दर्द और समाज की विफलता की कहानी कहता है। खंडवा की घटना जैसी क्रूरता हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक हमारी महिलाएं सुरक्षित महसूस कर पाएंगी।
समाज और राजनीति में आक्रोश:
इस घटना ने समाज में गहरा आक्रोश और गुस्सा भर दिया है। लोग इसे दिल्ली के निर्भया कांड से तुलना कर रहे हैं, जो इस जघन्य अपराध की भयावहता को दर्शाता है। विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इसे ‘आदिवासी निर्भया’ का मामला बताते हुए दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सज़ा दिलाने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। यह घटना सिर्फ खंडवा या मध्य प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर रही है और यह सवाल उठा रही है कि क्या हम वास्तव में एक सभ्य समाज में जी रहे हैं।यह मामला सिर्फ कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय और मानवता के लिए एक बड़ी लड़ाई है। उम्मीद है कि पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और इस बर्बरता के दोषियों को उनके किए की कड़ी सजा मिलेगी।