मार्बल सिटी अस्पताल में CGHS लाभार्थियों से अवैध वसूली का आरोप, GCF अस्पताल के रिटायर्ड कर्मी बने शिकार

जबलपुर, 30/06/25: शहर के मार्बल सिटी अस्पताल पर केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के लाभार्थियों से अवैध वसूली और नियमों की अनदेखी का गंभीर आरोप लगा है. अस्पताल पर आरोप है कि वह CGHS के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद मरीजों से ओपीडी स्लिप के नाम पर ₹350 की अवैध वसूली कर रहा है. इस बार, इसका शिकार गन कैरिज फैक्ट्री (GCF) अस्पताल से सेवानिवृत्त हुए एक वरिष्ठ नागरिक बने हैं, जिससे CGHS लाभार्थी और उनके परिजन खासे परेशान हैं.

₹350 की अवैध ओपीडी स्लिप का खेल

मामला तब सामने आया जब जीसीएफ अस्पताल से सेवानिवृत्त एक सीजीएचएस लाभार्थी अपने ऑपरेशन के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाने मार्बल सिटी अस्पताल पहुंचे. मरीज के परिजनों को अस्पताल काउंटर पर बताया गया कि उन्हें ₹350 की ओपीडी स्लिप कटवानी होगी. जब परिजनों ने आपत्ति जताई कि उनके सीजीएचएस कार्ड पर ‘छह बार की विजिट’ की सुविधा है, तो स्लिप काटने वाले कर्मचारी ने जवाब दिया कि मरीज का ऑपरेशन हो चुका है और सीजीएचएस की तरफ से सारे बिल क्लियर हो चुके हैं, इसलिए नई रसीद कटेगी और रेफर की रसीद सीजीएचएस से फिर कटवाकर लानी होगी.

CGHS नियमों की अनदेखी और अस्पताल का टाल-मटोल रवैया

मरीज और उनके परिजनों ने इस बात का कड़ा विरोध किया और बताया कि एक ओपीडी स्लिप पर महीने भर में छह बार चेकअप कराया जा सकता है. हालांकि, काउंटर कर्मचारी ने उनकी बात को सिरे से नकार दिया. इसके बाद मरीज के परिजन, जो पेशे से पत्रकार भी हैं, सीजीएचएस कार्यालय पहुंचे और वहां के डॉक्टरों को पूरी बात बताई. सीजीएचएस डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि “एक बार की ओपीडी स्लिप कटने पर महीने में छह बार दिखाया जा सकता है, यह नियम है.” उन्होंने रेफर बनवाने में भी सहयोग किया.

वापस मार्बल सिटी अस्पताल पहुंचने पर जब परिजनों ने सीजीएचएस विभाग के सीनियर अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो पहले तो बात टालने की कोशिश की गई कि शायद काउंटर कर्मचारी को ‘पता नहीं होगा और गलती हो जाती है.’ जब पत्रकार ने अपनी पहचान बताई और इस गलतफहमी पर सवाल उठाया, तो अस्पताल कर्मचारियों ने पलटवार करते हुए कहा, “आप अपने पोजीशन का रौब मत दिखाइए, लोगों से गलती हो जाती है, कोई भी परफेक्ट नहीं होता है.

“CGHS नियमों को लेकर अस्पताल प्रमुख का भ्रामक बयान

इस पूरी बहस के बाद, जब पत्रकार ने अस्पताल के सीजीएचएस डिपार्टमेंट हेड से नियमों के बारे में जानकारी मांगी, तो उन्होंने स्वीकार किया कि “एक साल पहले ही यह नियम आया है कि एक रेफर में एक महीने में छह बार दिखाया जा सकता है.” यह जानकारी भी नियमों से पूरी तरह मेल नहीं खाती, क्योंकि सीजीएचएस के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक रेफरल 3 महीने के लिए वैध होता है, जिसके दौरान लाभार्थी 6 बार तक विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं. यह नियम काफी समय से लागू है और अस्पताल द्वारा इसकी अनदेखी करना या गलत जानकारी देना चिंताजनक है.

कार्रवाई की मांग: सेवानिवृत्त कर्मचारियों की परेशानी

यह घटना मार्बल सिटी अस्पताल में सीजीएचएस नियमों की अवहेलना और लाभार्थियों, विशेषकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ हो रही अवैध वसूली को उजागर करती है. सीजीएचएस लाभार्थी आमतौर पर सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी होते हैं और ऐसी धोखाधड़ी सीधे उनकी जेब पर भारी पड़ती है. इस मामले में तत्काल जांच और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और सीजीएचएस लाभार्थियों को उनके अधिकार मिल सकें.

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