दिल्ली हाईकोर्ट का अहम निर्देश: कुणाल कामरा को ‘ठग और माफिया’ वाला ट्वीट हटाने का आदेश; एएनआई विवाद में कई यूट्यूबर्स शामिल

नई दिल्ली: देश की प्रमुख समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) और कुछ यूट्यूबर्स के बीच जारी मानहानि के एक बड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। इस विवाद में प्रसिद्ध स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा भी घिर गए हैं, जिन्हें अदालत ने एएनआई को ‘माफिया’ और ‘ठग’ कहने वाला अपना ट्वीट हटाने का मौखिक आदेश दिया है। यह मामला सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं पर एक नई बहस छेड़ रहा है।
क्या है पूरा विवाद?
यह विवाद तब गरमा गया जब यूट्यूबर मोहक मंगल ने अपने एक वीडियो में एएनआई को “गुंडा” और “ब्लैकमेलर” बताया। एएनआई ने इस वीडियो को लेकर मंगल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसे 5.5 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। एएनआई का आरोप है कि मंगल ने न केवल उनकी कॉपीराइट सामग्री का अवैध उपयोग किया, बल्कि एजेंसी को बदनाम करने की साजिश के तहत उसे “अपहरणकर्ता” और “ब्लैकमेलर” तक कहा, और लोगों से उसकी सेवाओं का बहिष्कार करने की अपील भी की।
कुणाल कामरा पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी:
इसी कड़ी में, कुणाल कामरा ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक ट्वीट में एएनआई को ‘माफिया’ और ‘ठग’ बताया था। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कामरा को अपना ट्वीट हटाने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “व्यंग्य का स्वागत है, लेकिन किसी को माफिया और ठग कहना न तो मज़ाक है और न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा।”
अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि ट्वीट में “कोई हास्य नहीं दिखता” और कामरा के लाखों फॉलोअर्स होने के कारण उनकी यह टिप्पणी और भी गंभीर हो जाती है। कामरा के वकील ने तर्क दिया कि यह टिप्पणी यूट्यूब प्लेटफॉर्म को लेकर थी, एएनआई को नहीं, लेकिन अदालत ने इसे खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ट्वीट सीधे तौर पर एएनआई को ही निशाना बनाता है।
मोहम्मद जुबैर को राहत, मंगल पर दबाव:
ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर, जिन्होंने भी इस वीडियो से संबंधित एक ट्वीट किया था, ने सुनवाई के दौरान अपने ट्वीट हटाने पर सहमति जताई। अदालत ने जुबैर के इस सकारात्मक रुख की सराहना करते हुए उन्हें प्रतिवादी सूची से हटा दिया और 24 घंटे के भीतर ट्वीट हटाने का निर्देश दिया।
वहीं, मोहक मंगल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र लाल ने दावा किया कि एएनआई ने उनके मुवक्किल को फोन पर धमकी दी थी कि पैसे न देने पर उनका चैनल बंद करवा दिया जाएगा। उन्होंने कॉपीराइट उल्लंघन के मुद्दे का कानूनी तरीके से समाधान करने पर जोर दिया।
अदालत का स्पष्ट संदेश और आगे की राह:
दिल्ली हाईकोर्ट ने यूट्यूबर मंगल के वकील से वीडियो के कुछ आपत्तिजनक हिस्सों को हटाने के संबंध में निर्देश लेने को कहा है। अदालत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है, लेकिन किसी की छवि को नुकसान पहुँचाने या बदनाम करने की इजाजत नहीं देगी। कोर्ट ने सुझाव दिया कि विवादित वीडियो को संपादित कर आपत्तिजनक अंश हटाए जा सकते हैं और संशोधित वीडियो दोबारा अपलोड किया जा सकता है। मंगल के वकील ने कुछ हिस्सों को हटाकर नया वीडियो डालने पर सहमति जताई है।
यह मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट क्रिएशन, कॉपीराइट कानूनों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच के जटिल संतुलन पर एक महत्वपूर्ण कानूनी लड़ाई बन गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई महीने में तय की गई है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।

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