जबलपुर में नारियल, मालाएं और वाटर कैनन से गरमाई सियासत
जनता को राहत नहीं, सड़क पर खड़ी राजनीति
जबलपुर, मध्यप्रदेश:1100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ जबलपुर का सबसे बड़ा फ्लाईओवर अब यातायात का समाधान नहीं, बल्कि राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गया है। कांग्रेस की तरफ से “जनता के नाम उद्घाटन” का एलान होते ही पुलिस ने दीवार खड़ी कर दी और वाटर कैनन तैनात कर दिए। नारियल लेकर पहुंचे कार्यकर्ता रोक लिए गए, और फ्लाईओवर को इस्तेमाल करने के बजाय राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया।
🚧 आम जनता अब भी इंतजार में
यह फ्लाईओवर शहर के दिल – रानीताल से होकर गुजरता है, और यहां यातायात का दबाव पहले से ही भारी रहता है। फ्लाईओवर बनने के बावजूद जनता राहत महसूस नहीं कर पा रही, क्योंकि जब तक सरकार औपचारिक उद्घाटन नहीं करती, तब तक इसका इस्तेमाल शुरू नहीं किया जा सकता।
⚠️ बीजेपी कार्यालय और ‘सिर्फ़ हमारी सड़क’ की मानसिकता
सबसे गंभीर बात यह है कि बीजेपी का जिला कार्यालय भी इसी फ्लाईओवर के नीचे स्थित है, और जब कोई पार्टी कार्यक्रम होता है, तो इस पूरी रोड को बंद कर दिया जाता है — बिना किसी सिग्नल या डायवर्जन के, जिससे लोगों को घंटों लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।
स्थानीय निवासी बताते हैं:
“बीजेपी जब भी कोई मीटिंग करती है, तो पुलिस रोड ही ब्लॉक कर देती है। ऐसा लगता है जैसे सड़क उनकी निजी है। क्या हम इस सड़क पर नहीं चल सकते?”
“हमारे टैक्स से बना फ्लाईओवर, और जब वही इस्तेमाल न कर सकें तो किसका विकास है ये?”
🛑 पुलिस बनाम नारियल: जनता बीच में पिसी
कांग्रेस के कार्यकर्ता जब उद्घाटन करने पहुंचे तो पुलिस ने महिला मोर्चा, बेरिकेटिंग और वाटर कैनन से उन्हें रोका। कांग्रेस ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताया और कहा कि अगर सरकार नहीं कर रही तो जनता खुद उद्घाटन करेगी। लेकिन पुलिसिया रोकटोक ने पूरे विवाद को “विकास की राजनीति बनाम जनता की प्राथमिकता” बना दिया।
🧾 बिना उद्घाटन के जनता को नुकसान
फ्लाईओवर पूरी तरह तैयार है, लेकिन अब भी आम लोग जाम में फंसे हैं। क्योंकि सरकार उद्घाटन करने में देरी कर रही है, स्कूल, हॉस्पिटल, ऑफिस जाने वाले लोग 1-2 घंटे तक ट्रैफिक में फंसे रहते हैं।
“इतना बड़ा फ्लाईओवर बना, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल रहा, क्योंकि नेता उद्घाटन की फोटो खिंचाने का इंतजार कर रहे हैं।”
📸 प्रचार की होड़, परफॉर्मेंस गायब
विकास के नाम पर बने इस फ्लाईओवर का असली लाभ आम आदमी को कब मिलेगा, ये अब सिर्फ़ कैमरे और नारियल पर निर्भर हो गया है। कांग्रेस के नारियल और बीजेपी की दीवार, दोनों ने मिलकर इस प्रोजेक्ट को जनता से दूर कर दिया है।
🎯 सड़क सबकी है, पर राजनीति निजी
जबलपुर का यह फ्लाईओवर जनता के लिए बना है, किसी पार्टी के लिए नहीं।
लेकिन आज यही सवाल उठ रहा है –
“क्या हमारे शहर की सड़कें अब भी सबकी हैं, या वे भी राजनीति की जागीर बन चुकी हैं?”