चना-मसूर बीज घोटाला,डिण्डौरी में 30 लाख की हेराफेरी, 3 अफसरों पर EOW की बड़ी कार्रवाई

कृषि विभाग के अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप

EOW की जांच रिपोर्ट में तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग अश्विनी झारिया, तत्कालीन शाखा प्रभारी किसान कल्याण एवं कृषि विभाग इंदर लाल गौरिया (सेवानिवृत्त) एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (विकासखंड मेंहदवानी)हेमंत मरावी को दोषी ठहराया गया है। इन पर शासन से प्राप्त बीजों का फर्जी वितरण दिखाकर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है।

शिकायत के बाद हुआ खुलासा

शिकायतकर्ता के द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान अलग-अलग ग्रामों के कुल 57 किसानों के बयान लिए गए और 12 पंचनामे तैयार किए गए। इनमें से 36 किसानों ने स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें कोई बीज नहीं मिला।

मध्य प्रदेश के डिंडोरी में ईओडब्ल्यू में शिकायत के बाद जांच के दौरान TRFA योजना में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है जिसमें वर्ष 2021-22 में बीज वितरण में फर्जीवाड़ा किया जाना पाया गया है। जिसमें किसानों के नाम की फर्जी सूची तैयार कर कागजों में बीज वितरण कर शासन को 30 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक हानि पहुंचाई गई है।

क्या है पूरा मामला

मध्यप्रदेश के डिण्डौरी जिले से एक बड़ा प्रशासनिक घोटाला सामने आया है। वर्ष 2021-22 में Targeting Rice Fallow Area (TRFA) योजना के अंतर्गत किसानों को चना एवं मसूर बीज वितरण में हुई भारी अनियमितताओं को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने तीन अधिकारियों के विरुद्ध 30.39 लाख रुपये की वित्तीय हानि का मामला दर्ज किया है।

फर्जी नाम, फर्जी सूची, फर्जी वितरण

ग्राम देवरगढ़ के 64 किसानों को चना बीज देने की बात विभागीय सूची में दर्शाई गई, जबकि जांच में सामने आया कि ये किसान उस ग्राम के निवासी ही नहीं थे और उन्हें बीज भी नहीं मिला। कुल 728 वास्तविक किसानों को 546 क्विंटल चना बीज वितरित किया गया। वहीं 372 फर्जी किसानों की सूची बनाकर 276.75 क्विंटल चना बीज का वितरण दर्शाया गया। मसूर बीज में भी ऐसा ही खेल हुआ—305 किसानों को 121.5 क्विंटल बीज दिया गया, जबकि 295 फर्जी नामों पर 118 क्विंटल बीज का फर्जी वितरण दर्शाया गया।

स्टॉक रजिस्टर ने खोली पोल

जांच में यह तथ्य सामने आया कि फर्जी वितरण में दर्शाई गई बीज मात्रा (चना: 276.75 क्विंटल, मसूर: 118 क्विंटल) कभी कार्यालय में आई ही नहीं थी। यानि बीज बिना प्राप्त हुए ही कागजों में बांटकर इस पूरे फर्जीवाडे को अंजाम दिया गया जिसमें चना बीज 276.75 क्विंटल में 21 लाख 30 हजार रुपए साथ ही मसूर बीज 118 क्विंटल में 9 लाख 8 हजार रुपए की हेराफेरी कर सरकारी खजाने में अनुमानित 30 लाख 39 हजार रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है।

विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ मामला

इस पूरे मामले में भ्रष्टाचारी तीनों अधिकारियों तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विभाग अश्विनी झारिया, तत्कालीन शाखा प्रभारी (कृषि कल्याण एवं कृषि विभाग) इंदर लाल गौरिया (सेवानिवृत्त) एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी विकासखंड मेंहदवानी हेमंत मरावी के खिलाफ धारा 120B, 409, 420, 467, 468, 471 IPC तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 7C, 13(1)(B), सहपठित 13(2) (संशोधित 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही मामले की विवेचना जारी है।

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