जबलपुर, म.प्र. – न्याय व्यवस्था को शर्मसार करने वाली एक बड़ी कार्रवाई मंगलवार शाम सामने आई, जब जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने जिला कोर्ट में पदस्थ अतिरिक्त लोक अभियोजक कुक्कू दत्त (59) को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सरकारी वकील एक पुराने आपराधिक मामले में पुनः अपील दाखिल करने हेतु दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए शिकायतकर्ता से रिश्वत मांग रही थीं।
शिकायतकर्ता जो पेश से पत्रकार है उनको बार-बार टाल रही थी वकील, फिर मांगी रकम
सिविल लाइन निवासी बिहारी लाल रजक नामक शिकायतकर्ता ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी को शिकायत दी थी कि वकील कुक्कू दत्त उनसे बार-बार पैसों की मांग कर रही हैं। वर्ष 2022 में दर्ज एक मामले में आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया था। उस फैसले के विरुद्ध शासन द्वारा अपील दायर करने का दायित्व कुक्कू दत्त को सौंपा गया था। लेकिन, उन्होंने इस अपील का प्रतिवेदन तैयार करने और दस्तावेजों पर साइन करने के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
लोकायुक्त का प्लान हुआ सफल, रिश्वत लेते ही दबोच लिया गया
लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की पुष्टि के बाद ट्रैप की योजना बनाई। मंगलवार को जब कुक्कू दत्त ने बिहारी लाल को सिविल लाइन स्थित अपने घर बुलाकर रिश्वत की रकम ली, तभी लोकायुक्त की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर उन्हें पकड़ लिया। इस ऑपरेशन का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक नीतू त्रिपाठी कर रही थीं। टीम में निरीक्षक शशि मर्सकोले, रेखा प्रजापति और नरेश बेहरा भी शामिल थे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही, केस दर्ज
लोकायुक्त टीम ने सरकारी वकील के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B), और 13(2) के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब न्याय दिलाने वाले ही पैसे के बदले कानून का इस्तेमाल करने लगें, तो आम नागरिक कहां जाए?
न्यायपालिका में बैठे भ्रष्ट अफसरों को चेतावनी
कानूनी व्यवस्था को ध्वस्त करने वाले ऐसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ लोकायुक्त की यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश है। यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि जनता में भरोसा बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम है। ऐसे अधिकारी चाहे कितने भी ऊंचे पद पर हों, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।