द तथ्य न्यूज़ एक्सक्लुसिव: जबलपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आपका भरोसा पुलिस पर से उठ सकता है। यहां एक फरियादी अपनी चोरी हुई चीज़ की शिकायत लेकर थाने पहुंचा, लेकिन उसे न्याय के नाम पर रिश्वत देने को कहा गया। अब इस मामले की जांच लोकायुक्त कर रहा है, और एक ‘पुलिस वाले’ को रंगे हाथों पकड़ा भी गया है।
चोरी की शिकायत, बदले में ₹25 हजार की डिमांड
बात शिवम चौरसिया नाम के एक शख्स की है। उन्हें पैसों की ज़रूरत थी, तो उन्होंने अपनी कुछ सोने की चूड़ियां अपने दोस्त आयुष सोनी के पास गिरवी रख दीं। बाद में पता चला कि आयुष ने वो चूड़ियां बेच दी हैं। शिवम ने इसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए जबलपुर के ओमटी थाने में गए।शिवम ने बताया कि वहां के कांस्टेबल नितेश शुक्ला और सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता ने उनसे चूड़ियां ढूंढने के लिए पूरे ₹25 हजार मांगे। यह सुनकर शिवम हैरान रह गए, क्योंकि वह पहले से ही परेशान थे।
दूसरी बाइक छीनकर ₹5 हजार में ‘डील’
जब शिवम ने इतने पैसे देने से मना कर दिया, तो आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी दूसरी बाइक, जो उनके दोस्त की रॉयल एनफील्ड थी, वो भी छीन ली। फिर उसे छोड़ने के लिए ₹5 हजार की ‘डील’ की। मतलब, एक तो चोरी हुई, ऊपर से अपनी दूसरी बाइक भी ‘छुड़वानी’ पड़ी!लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ाशिवम ने हार नहीं मानी और उन्होंने लोकायुक्त में शिकायत कर दी। लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया और कांस्टेबल नितेश शुक्ला को ₹5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। अब नितेश शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो गया है। सब-इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता की भूमिका की भी जांच चल रही है।सिस्टम पर सवाल और न्याय की उम्मीदयह घटना बताती है कि कैसे कुछ लोग अपनी वर्दी का गलत फायदा उठाते हैं और आम जनता को परेशान करते हैं। जब पुलिस ही ऐसी हरकतें करेगी, तो लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे? उम्मीद है कि लोकायुक्त इस मामले की पूरी गहराई से जांच करेगा और सभी दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। जबलपुर की जनता भी चाहती है कि ऐसे लोगों पर लगाम लगे।