भोपाल, 18 जून — मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की महत्वाकांक्षी किंग कोबरा परियोजना को बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक से कुछ महीने पहले लाया गया पांच वर्षीय नर किंग कोबरा बुधवार सुबह भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में मृत पाया गया।
वन विहार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “बुधवार सुबह सांप को उसके बाड़े में निष्क्रिय स्थिति में पाया गया। उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी। मृत्यु के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा।”
वन विभाग ने बताया कि यह किंग कोबरा जीवित सांपों का आहार लेता था और इसे भीषण गर्मी से बचाने के लिए तापमान नियंत्रण से युक्त एक विशेष बाड़े में रखा गया था। “हमने उसके बाड़े में ह्यूमिडिफायर सहित कई उपकरण लगाए थे ताकि तापमान नियंत्रित रहे। खास बात यह है कि जब उसकी मृत्यु हुई, उस समय भोपाल में गर्मी की तीव्रता कम हो चुकी थी।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव लंबे समय से मध्यप्रदेश में किंग कोबरा को वापस लाने की कोशिश कर रहे थे। जनवरी में भोपाल में आयोजित भारतीय वन सेवा सम्मेलन में उन्होंने कहा था, “हमारे राज्य से किंग कोबरा लुप्त हो चुका है, और हम उसे वापस लाना चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा था कि जैसे जंगल में बाघ की आहट पर अन्य जानवर सतर्क हो जाते हैं, वैसे ही किंग कोबरा की मौजूदगी से अन्य सांप बिलों से बाहर निकल आते हैं और वह उनका शिकार करता है। “किंग कोबरा की अनुपस्थिति के चलते डिंडोरी जैसे जिलों में हर साल 200 तक सर्पदंश से मौतें हो रही हैं,” यादव ने कहा।
अप्रैल में कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क से दो किंग कोबरा मध्यप्रदेश लाए गए थे, जिसके बदले दो बाघ वहां भेजे गए। वन विभाग ने इन सांपों के लिए एक्स-सिटू संरक्षण और प्रजनन कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई थी।
मई में एक किंग कोबरा को प्रजनन कार्यक्रम के तहत इंदौर चिड़ियाघर भेजा गया, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। वहीं, मुख्यमंत्री ने उसी महीने पूरे राज्य में सांपों की जनगणना कराने का आदेश भी दिया था।
वर्तमान में मध्यप्रदेश में केवल एक ही किंग कोबरा जीवित बचा है, जो इंदौर में है।