“एक दिन का विधायक”: उज्जैन में 12वीं के टॉपर साहित्य सेन ने निभाई जनसेवा की भूमिका

96% अंक, जनसमस्याओं का समाधान, विकास कार्यों का भूमि पूजन – नागदा में दिखी भविष्य की लीडरशिप की झलक

🔹 नागदा के विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान ने की पहल, समस्याएं सुनीं, विकास कार्यों का भूमि पूजन और स्कूल भवन का लोकार्पण भी किया

📅 प्रकाशन तिथि: 30 मई 2025
✍️ रिपोर्ट: HIMANSHU
📰 Source: The Tathya News


🌟मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा तहसील में शुक्रवार को एक ऐसी अभिनव और प्रेरणादायक पहल सामने आई, जिसने भविष्य के नेताओं के लिए एक नया द्वार खोल दिया। 12वीं कक्षा के टॉपर छात्र साहित्य सेन को ‘एक दिन का विधायक’ बनाकर, उन्हें न केवल प्रतीकात्मक सम्मान दिया गया, बल्कि वास्तविक प्रशासनिक कार्यों का अनुभव भी कराया गया। यह अनूठा प्रयोग नागदा के विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान की दूरदृष्टि का परिणाम है, जिसका उद्देश्य युवाओं को मेहनत और लगन से किसी भी पद तक पहुंचने के लिए प्रेरित करना है।


कौन हैं साहित्य सेन? एक परिचय

साहित्य सेन नागदा तहसील के एक होनहार छात्र हैं, जिन्होंने अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता से सभी को प्रभावित किया है।

  • अकादमिक उपलब्धि: उन्होंने एमपी बोर्ड की 12वीं परीक्षा में कॉमर्स स्ट्रीम में 96% से अधिक अंक प्राप्त कर नागदा तहसील में टॉप किया। यह उपलब्धि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है।
  • व्यक्तित्व: साहित्य एक सादे व्यक्तित्व के धनी हैं, लेकिन उनमें नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता है। उनकी विनम्रता और स्पष्ट सोच उन्हें दूसरों से अलग करती है।

एक दिन के विधायक की भूमिका: जमीनी हकीकत से रूबरू

नागदा विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान ने साहित्य सेन को अपने कार्यालय में विधिवत रूप से विधायक की कुर्सी पर बिठाया। यह सिर्फ एक औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि इसमें साहित्य ने वास्तविक प्रशासनिक कार्यों को गंभीरता से संभाला:

  • जनसुनवाई: उन्होंने आम नागरिकों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुना। यह अनुभव उन्हें जमीनी स्तर पर लोगों की परेशानियों को समझने का अवसर प्रदान किया।
  • तत्काल समाधान: साहित्य ने जनसमस्याओं को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को मौके पर बुलाकर उनके तत्काल समाधान के निर्देश दिए। यह त्वरित कार्रवाई उनकी निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाती है।

RTE योजना की समस्या का त्वरित निपटान: एक मिसाल

इस दौरान एक हृदयस्पर्शी घटना सामने आई। एक छात्रा अपनी मां के साथ विधायक कार्यालय पहुंची, जिसने RTE (शिक्षा का अधिकार) योजना के तहत एक निजी स्कूल में दाखिला तो ले लिया था, लेकिन आधार नंबर में त्रुटि के कारण उसे योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था।

  • साहित्य की त्वरित प्रतिक्रिया: साहित्य सेन ने इस समस्या को तुरंत समझा। उन्होंने बिना समय गंवाए BRC (ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर) और स्कूल प्रबंधन को बुलाया।
  • मौके पर समाधान: साहित्य के हस्तक्षेप से मौके पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित कराया गया, जिससे छात्रा और उसकी मां को बड़ी राहत मिली। यह दिखाता है कि कैसे एक युवा नेता भी प्रभावी ढंग से प्रशासनिक चुनौतियों का सामना कर सकता है।

विकास कार्यों में भागीदारी: भविष्य की आधारशिला

‘एक दिन के विधायक’ बनने के बाद, साहित्य सेन ने सिर्फ कार्यालय तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने नागदा के विकास कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई:

  • बेरछा गांव का दौरा: उन्होंने बेरछा गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने जनता से सीधा संवाद किया।
  • भूमिपूजन और लोकार्पण: साहित्य ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली सीसी रोड और उपस्वास्थ्य केंद्र का भूमिपूजन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित दो आवासों का लोकार्पण किया, जिससे जरूरतमंद परिवारों को छत मिली।
  • शैक्षिक बुनियादी ढांचे का उद्घाटन: बेरछा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बने 7 नए कक्षों का उद्घाटन भी साहित्य सेन के हाथों हुआ, जो क्षेत्र में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा।

जनसमर्थन और प्रेरणा का स्रोत

बेरछा गांव में लोगों ने साहित्य सेन का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्हें फूलमालाएं पहनाई गईं और गांव के युवाओं ने उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। यह दर्शाता है कि यह पहल केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं थी, बल्कि इसने समुदाय में आशा और प्रेरणा की नई लहर जगाई।


विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान का दूरदर्शी दृष्टिकोण

नागदा विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान ने इस पहल के पीछे का अपना उद्देश्य स्पष्ट किया: “हमारा मकसद है कि मेधावी छात्र-छात्राओं को एक मंच मिले और वे समझें कि मेहनत और लगन से किसी भी पद तक पहुंचा जा सकता है। साहित्य सेन इस प्रयास के प्रतीक हैं।” यह दृष्टिकोण युवा प्रतिभाओं को सशक्त करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने पर केंद्रित है।


नागदा की गौरवशाली परंपरा: ‘एक दिन का…’

यह पहली बार नहीं है जब नागदा में ऐसी प्रेरणादायक पहल की गई है। लगभग 12 साल पहले भी, नागदा की 12वीं की टॉपर एक छात्रा को एक दिन का नगरपालिका अध्यक्ष बनाया गया था। यह परंपरा दिखाती है कि नागदा नेतृत्व और सार्वजनिक सेवा के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने में अग्रणी रहा है।

यह अनूठी पहल न केवल साहित्य सेन के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव थी, बल्कि यह पूरे समाज को संदेश देती है कि युवाओं को अवसर और विश्वास देने से वे बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें पूरा भी कर सकते हैं। यह उज्जैन और मध्य प्रदेश के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है, जहाँ युवा शक्ति को सही दिशा दी जा रही है। नागदा प्रतिभाओं को आगे लाने में अग्रणी रहा है।

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