नई दिल्ली, भारत – द तथ्य न्यूज के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने देशव्यापी ISI जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे पैदा कर दिए हैं। पिछले एक महीने में राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब में कम से कम 15 गिरफ्तारियां हुई हैं। यह एक भयावह पैटर्न को उजागर करता है: पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) सुनियोजित तरीके से आम भारतीय नागरिकों को हनीट्रैप, ब्लैकमेल या वित्तीय प्रलोभन का शिकार बनाकर देश के खिलाफ संवेदनशील जानकारी निकालने का काम कर रही है। ये गिरफ्तारियां 22 अप्रैल, 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के जवाब में हुई हैं, जिसने खुफिया एजेंसियों की सतर्कता को अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दिया है।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की प्रोफ़ाइल अत्यधिक विविध और चिंताजनक है – इनमें भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के ब्लूप्रिंट तक पहुँच रखने वाले एक इंजीनियर से लेकर एक लोकप्रिय ट्रैवल व्लॉगर और कई सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनके संदिग्ध यात्रा इतिहास ने जाँच एजेंसियों का ध्यान खींचा है। हर मामला, भले ही ऊपर से अलग-थलग लगे, ISI के एक सुनियोजित और व्यापक जासूसी अभियान की गहरी परतें खोल रहा है।
ISI जासूसी के प्रमुख खुलासे: एक विस्तृत अवलोकन
- CRPF में सेंधमारी: मोती राम जाट की गिरफ्तारी दिल्ली से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा CRPF कर्मी मोती राम जाट की गिरफ्तारी सुरक्षा प्रतिष्ठानों में ISI की संभावित घुसपैठ की ओर इशारा करती है। जाट पर 2023 से पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIOs) के संपर्क में रहने और पैसों के बदले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से संबंधित गोपनीय परिचालन जानकारी साझा करने का आरोप है।
- नौसेना डॉकयार्ड का हनीट्रैप: इंजीनियर रविंद्र वर्मा का मामला मुंबई में, महाराष्ट्र एटीएस (ATS) ने 27 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर रविंद्र वर्मा को गिरफ्तार किया, जो एक रक्षा फर्म के लिए काम कर रहे थे। वर्मा की दक्षिण मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड तक पहुँच थी और वे पनडुब्बियों और युद्धपोतों से संबंधित परियोजनाओं में शामिल थे। चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें कथित तौर पर “पायल शर्मा” और “इसप्रीत” जैसे नकली फेसबुक प्रोफाइल का उपयोग करने वाले पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा हनीट्रैप में फँसाया गया था। उन पर भारतीय नौसेना की संपत्तियों के विस्तृत स्केच, आरेख और ऑडियो नोट्स जानबूझकर साझा करने का आरोप है, जिसके बदले उन्हें भुगतान मिला। यह मामला रक्षा संबंधी जानकारी की जासूसी में सोशल मीडिया हनीट्रैप के गंभीर खतरे को दर्शाता है।
- ट्रैवल व्लॉगर का ISI कनेक्शन: ज्योति मल्होत्रा का रहस्य लोकप्रिय यूट्यूब ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा की हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तारी ने सार्वजनिक क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। जांच से पता चलता है कि उनका ISI गुर्गों के साथ सीधे और बार-बार संपर्क था, जिसमें दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी और पाकिस्तान की उनकी अपनी यात्राओं के दौरान भी शामिल था। उनके जब्त किए गए उपकरणों से मिला 12 टेराबाइट से अधिक डेटा और लाहौर में सशस्त्र पुरुषों के साथ उनके वायरल वीडियो ने ISI के साथ उनके गहरे और सचेत संबंधों को उजागर किया है।
- सीमावर्ती जासूसी का नया चेहरा: स्वास्थ्य कर्मी सहदेव सिंह गोहिल गुजरात एटीएस ने कच्छ के 28 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया। उन पर “अदिति भारद्वाज” नामक कवर पहचान का उपयोग करने वाले एक पाकिस्तानी ऑपरेटिव को भारतीय सैन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित संवेदनशील जानकारी प्रसारित करने का आरोप है। गोहिल ने कथित तौर पर नव-निर्मित भारतीय वायु सेना (IAF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) प्रतिष्ठानों की वर्गीकृत तस्वीरें और वीडियो साझा किए और इसके लिए उन्हें नकद भुगतान भी मिला। यह घटना जासूसी के प्रति सीमावर्ती क्षेत्रों की निरंतर भेद्यता को दर्शाती है।
- हरियाणा में युवा निशाना: ISI की नई भर्ती रणनीति हरियाणा में हुई गिरफ्तारियां ISI द्वारा एक नई और खतरनाक रणनीति का संकेत देती हैं: आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को जासूसी के लिए निशाना बनाना।
- पटियाला के 25 वर्षीय छात्र दवेंद्र सिंह ढिल्लों, जिसे पाकिस्तान यात्रा के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों की संवेदनशील तस्वीरें साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- पानीपत के 24 वर्षीय सुरक्षा गार्ड नौमान इलाही, जिसने कथित तौर पर अपने बहनोई के बैंक खाते के माध्यम से ISI गुर्गों को जानकारी हस्तांतरित की।
- नूंह जिले के अरमान (23) और तारिफ, जिन्हें पुलिस के पहुंचने पर पाकिस्तानी नंबरों से चैट हटाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। यह विदेशी एजेंसियों द्वारा युवाओं के कट्टरपंथ और भर्ती के खतरे को उजागर करता है।
- सरकारी गलियारों में सेंध: राजस्थान सरकारी कर्मचारी शकूर खान जैसलमेर के 49 वर्षीय राजस्थान सरकारी कर्मचारी और पूर्व राज्य मंत्री के निजी सहायक शकुर खान को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उनकी पाकिस्तान की सात यात्राएं और संदिग्ध डिजिटल पदचिह्न की केंद्रीय एजेंसियां गहन जांच कर रही हैं, जो सरकारी विभागों में ISI की संभावित घुसपैठ का सुझाव देती है।
- डिजिटल माध्यमों का दुरुपयोग: सिम कार्ड और मोबाइल ऐप्स दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के डीग के 34 वर्षीय कासिम को पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (PIOs) को भारतीय मोबाइल सिम कार्ड की आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इन सिम का उपयोग ISI द्वारा भारतीयों से सैन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता था। ठाणे में एक और गिरफ्तारी में एक व्यक्ति को फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से फँसाया गया। जालंधर में, मोहम्मद मुर्तजा अली को कथित तौर पर अपने द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके ISI गुर्गों को संवेदनशील डेटा भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह जासूसी के विकसित हो रहे और अधिक परिष्कृत डिजिटल तरीकों को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद: भारत की जवाबी खुफिया में नई दिशा
ये गिरफ्तारियां ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय जवाबी खुफिया एजेंसियों की बढ़ी हुई सतर्कता को स्पष्ट रूप से रेखांकित करती हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया। तब से, सीमावर्ती राज्यों और रणनीतिक क्षेत्रों में निगरानी अभूतपूर्व रूप से तेज कर दी गई है। राजस्थान पुलिस ने अकेले जैसलमेर में सात संदिग्धों से पूछताछ की है, और हरियाणा में, अधिकारी संवेदनशील व्यवसायों से जुड़े व्यक्तियों के वित्तीय रिकॉर्ड और यात्रा इतिहास की गहन समीक्षा कर रहे हैं।
इन हालिया गिरफ्तारियों का पैमाना भारत में एक महत्वपूर्ण और अत्यधिक चिंताजनक ISI घुसपैठ के प्रयास को दर्शाता है, जिससे सुरक्षा बलों की ओर से एक मजबूत और निरंतर जवाबी जासूसी प्रतिक्रिया शुरू हुई है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है और पाकिस्तान के साथ चल रहे खुफिया युद्ध की गंभीरता पर जोर देता है। द तथ्य इस मामले पर लगातार नज़र रखे हुए है।